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Wednesday, 27 December 2017

विश्व की प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं!

प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं –



सयुंक्त राष्ट संघ :

स्थापना – अन्तर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा बनाये रखने, राष्टों के मध्य मैत्रीपूर्ण सम्बन्धो को बढ़ावा देने, विश्व की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक समस्याओं को अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से हल करने के लिए 24 अक्टूबर, 1945 को इसका गठन हुआ| इस संगठन को यह नाम तात्कालिक अमरीकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट द्वारा दिया गया था|

मुख्यालय – न्यूयॉर्क (अमेरिका)

प्रारम्भिक सदस्य – सयुंक्त राष्ट संघ के प्रारम्भिक सदस्य 51 थे, जिन्हें Founder Members के रूप में भी जाना जाता है|

वर्तमान सदस्य – 193 देश

संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग –

1. महासभा – इसमें सभी सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं| इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है| इसकी वार्षिक प्रति वर्ष सितम्बर माह के तीसरे ब्रहस्पतिवार को होती है| महासभा के प्रथम अध्यक्ष बेल्जियम के पॉल हेनरी स्पॉक थे| भारत की श्रीमती विजयालक्ष्मी पंडित 1952 में आठवीं महासभा की अध्यक्षा निर्वाचित हुई थी| वे महासभा की एकमात्र महिला अध्यक्ष रही है|

2. सुरक्षा परिषद – इसकी सदस्य संख्या 15 हैं जिसमे 5 स्थायी और 10  अस्थाई सदस्य होते हैं| 5 स्थाई सदस्य अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चाइना और फ्रांस हैं जिन्हें वीटो अधिकार प्राप्त है| बाकी 10 अस्थायी सदस्यों का चुनाव 2 वर्ष के लिए किया जाता है|

3. आर्थिक व सामाजिक परिषद – इसकी प्रतिवर्ष एक बैठक न्यूयॉर्क और दूसरी बैठक जिनेवा में होती है, इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्तिथ है| इसके सदस्यों का चुनाव महासभा द्वारा 2/3 बहुमत द्वारा 3 वर्ष के लिए किया जाता है|

4. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायलय – इसका मुख्यालय शांति भवन, हेग, नीदरलैंड्स में है| इसमें कुल न्यायाधीश होते हैं जिनका कार्यकाल ९ वर्ष का होता है| हर तीसरे वर्ष 5 न्यायाधिश सेवानिवृत होते हैं|

5. न्यास परिषद् – इसका मुख्यालय भी न्यूयॉर्क में हैं| यह परिषद् उन प्रदेशों के शासन प्रबंध के लिए उत्तरदायी थी जो राष्ट्र संघ के शासनाधीन थे या केंद्रीय शकित्यों द्वारा अधिकृत किये गए थे एवं सुरक्षा परिषद् की अधीनता में स्वेच्छा से आये थे|

6. सचिवालय – इसका प्रधान कार्यालय न्यूयॉर्क और इसकी एक शाखा जिनेवा में स्तिथ है| सयुंत राष्ट्र महासचिव इसका प्रमुख कार्यकारी अधिकारी होता है|


संयुक्त राष्ट्र संघ के विशिष्ट अभिकरण –


1. अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य एवं कृषि संगठन

स्थापना: १६ अक्टूबर, १९४५

मुख्यालय: रोम

उद्देश्य – विभिन्न देशों की खाद्य एवं कृषि अवस्था सुधारने में सहयोग

2. सयुंक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) –

स्थापना: 4 नवम्बर, १९६६

प्रधान कार्यालय: पेरिस, फ्रांस

उद्देश्य: विश्व भर के देशों में शिक्षा, विज्ञानं एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में उन्नति हेतु योगदान देने के लिए

3. विश्व स्वस्थ्य संगठन (WHO) –

स्थापना: ७ अप्रैल, १९४८

मुख्यालय: जिनेवा

उद्देश्य: अन्तर्राष्ट्रीय स्वस्थ्य एवं चिकिस्ता सम्बन्धी सेवाओ में सुधार करना और संक्रामक बिमारोयों को नष्ट करने में सहयोग करना

4. विश्व बैंक –

स्थापना: २७ दिसम्बर, १९४५ (१९४४ के ब्रेटन वुड समझोते के तहत गठित)

मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका| न्यूयार्क, लन्दन व पेरिस में सहायक कार्यालय

उद्देश्य: अपने सदस्य राष्टों के विकास हेतु ऋण उपलब्ध करवाना

5. अंतरराष्ट्रीय मजदूर संगठन (ILO) –

स्थापना: १९१९ में राष्ट्र संघ के संगठन के रूप में स्थापित| १९४६ में संयुक्त राष्ट्र संघ का विशिष्ट अभिकरण बना|

मुख्यालय: जिनेवा

उद्देश्य: दुनियाभर के श्रमिको की कठिनाईयों का निवारण कर उनके जीवन स्तर में सुधार करना|

६. एशियाई विकास बैंक (ADB) –

स्थापना: 19 दिसम्बर, १९६६

मुख्यालय: मनीला, फ़िलीपीन्स

उद्देश्य: एशियाई देशों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना

७. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायलय –

स्थापना: ११ मार्च, २००३

मुख्यालय: हेग, नीदरलैंड्स

उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय न्यायिक मामलो का निस्तारण

८. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) –

स्थापना: २७ दिसम्बर, १९४५
मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी.

महत्वपूर्ण तथ्य:


1. सयुंक्त राष्ट्र संघ के महासचिव –
     ➤ट्रिग्वेली (नॉर्वे)
     ➤डॉग हेमरशोल्ड (स्वीडन)
     ➤यु थांट (म्यांमार)
     ➤कुर्त वाल्दहीम (ऑस्ट्रिया)
     ➤पेरेज द कुइयार (पेरू)
     ➤बुतरस बुतरस घाली (मिस्र)
     ➤कौफी अन्नान (घाना, अफ्रीका) (1 जनवरी, १९९७ से 1 जनवरी, २००७ तक)
     ➤बाण की मून (दक्षिण कोरिया)

2. भारत के श्री बी.एन. राव, डॉ. नगेन्द्र सिंह एवं श्री आर.एस. पाठक अंतरराष्ट्रीय न्यायलय के न्यायाधीश रह चुके हैं| नगेन्द्र सिंह अंतरराष्ट्रीय न्यायलय के प्रधान न्यायाधीश के पद पर भी रह चुके हैं| वर्तमान में भारत के श्री दलबीर भंडारी को अंतरराष्ट्रीय न्यायलय का न्यायाधीश बनाया गया है जो लगातार दूसरी बार इस पद पर चुने गये हैं| इस बार इन्होने अपने ब्रिटिश प्रतिद्वंदी को हरा कर इस पद के लिए अपना स्थान पक्का किया था|
ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय न्यायलय के संस्थापक सदस्यों में से एक रहा है और ये इस संस्था के इतिहास में पहली बार है की इसमें कोई ब्रिटिश प्रतिनिधि नहीं है|

3. विजयालक्ष्मी पंडित : सयुंक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष

4. साम्यवादी चाइना १९७१ में सयुंक्त राष्ट्र का सदस्य बना, इससे पहले राष्ट्रवादी चाइना (ताइवान) इसका सदस्य था|

अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं:


1. सार्क (SAARC) –

पूरा नाम: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन! (South Asian Association For Regional Co-Operations)

स्थापना: १९८५

मुख्यालय: काठमांडू, नेपाल

सदस्य राष्ट्र (८): भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और अफ़ग़ानिस्तान|
उदेश्य: सदस्य राष्ट्रों के मध्य आपसी सहयोग को बढ़ावा देना

2. गुटनिरपेक्ष आन्दोलन:

स्थापना: १९६१, बेलग्रेड, युगोस्लाविया

संस्थापक सदस्य या राष्ट्र: पंडित जवाहर लाल नेहरु (भारत), अब्दुल नासिर (मिस्र) और मार्शल टिटो (युगोस्लाविया)

उद्देश्य: यह संगठन २५ विकासशील राष्ट्रों द्वारा तात्कालिक विश्व शक्तियों, अमेरिका और रूस, के गुटों में शामिल ना हो के तथस्थ रहते हुए अपनी संप्रभुता की रक्षा करना

वर्तमान सदस्य: ११६ देश

3. आसियान (ASEN) –

स्थापना: अगस्त १९६७, बैंकाक, थाईलैंड

मुख्यालय: जकार्ता, इंडोनेशिया

उद्देश्य: सदस्य राष्ट्रों के मध्य आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आपसी व्यापार को बढ़ावा और प्रोत्साहन देना|

सदस्य देश: इंडोनेशिया, मलेसिया, फिलीपींस, सिंगापूर, थाईलैंड, ब्रूनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार व कम्बोडिया| भारत को इस संगठन में पूर्ण वार्ताकार का दर्जा प्राप्त है|

4. नाटो (NATO) –

पूरा नाम: North Atlantic Treaty Organization

स्थापना: 4 अप्रैल, १९४९

मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेल्जियम

5. विश्व व्यापार संगठन (WTO) –

स्थापना: 1 जनवरी, १९९५ को गेट की उरुग्वे वार्ता के दौरान

मुख्यालय: जिनेवा

सदस्य संख्या: १४८

उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य को विनियमित करना

६. यूरोपियन संघ –

स्थापना: 1 नवम्बर, १९९३ (मास्ट्रीच संधि दिसम्बर, १९९१ के तहत)

यूरोपियन संघ ने 1 जनवरी, १९९९ से यूरो मुद्रा लागू की है|



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