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Wednesday 27 December 2017

राजस्थान : एक परिचय पार्ट 2

राजस्थान : एक परिचय पार्ट -2




पिछले आर्टिकल में हमने राजस्थान के बारे में काफी कुछ पढ़ा था, अब हम उसी क्रम को लगातार जारी रखते हुए राजस्थान के बारे में और पढेंगे|

राजस्थान के संभाग – 

1. जयपुर संभाग –
जयपुर संभाग में जयपुर, सीकर, झुंझुनू, दौसा, सवाई माधोपुर जिले शामिल किये जाते हैं और यह राज्य की सर्वाधिक जनसँख्या वाला जिला है|

2. जोधपुर सम्भाग –
जोधपुर सम्भाग के अंतर्गत जोधपुर, जालोर, जैसलमेर, पली, बाड़मेर और सिरोही जिले आते हैं और यह राज्य का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला सम्भाग है| यह राज्य का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला संभाग है|

3.  बीकानेर – 
बीकानेर, गंगानगर, चुरू और हनुमानगढ़ जिले बीकानेर सम्भाग में शामिल है और राज्य का सबसे ज्यादा अनुसूचित जनसँख्या वाला संभाग है|

4. कोटा संभाग – 
कोटा सम्भाग में कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड जिला शामिल है और यह राज्य का सर्वाधिक नदियों वाला संभाग है| साथ ही यह जनसँख्या की दृष्टि से सबसे छोटा सम्भाग भी है|

5. उदयपुर सम्भाग –
उदयपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिले – उदयपुर, राजसमन्द, डूंगरपुर, बांसवाडा और प्रतागढ़ है| यह राज्य का सर्वाधिक आदिवासी जनजाति वाला जिला है| उदयपुर सम्भाग राज्य में सबसे ज्यादा नदियों के उद्गम स्थल वाला सम्भाग भी है|

6. अजमेर -  
अजमेर सम्भाग में अजमेर, भीलवाडा, नागौर और टोंक जिले शामिल है|

7. भरतपुर –
यह राज्य का सबसे नवीनतम संभाग है जिसके अंतर्गत भरतपुर, अलवर, करोली और धोलपुर जिले शामिल है| क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान का सबसे छोटा संभाग भी है|

राज्य के प्रमुख राजवंश –


1. कच्छवाहा – जयपुर, अलवर

2. गुहिल राजवंश – मेवाड़, बांसवाडा और डूंगरपुर

3. सिसोदिया – उदयपुर, चित्तोड़, शाहपुरा और प्रतापगढ़

4. चौहान – अजमेर, जालौर, सिवाणा, बूंदी, सिरोही, कोटा, रणथम्भौर, नाडौल, गागरोन

5.  यादव – करौली, जैसलमेर, हनुमानगढ़

6. राठौड – जोधपुर, किशनगढ़, बीकानेर

7. भाटी – जैसलमेर, हनुमानगढ़

8. झाला – झालावाड

9. हाडा चौहान – कोटा, बूंदी

10. जाट – भरतपुर, धौलपुर

11. मुस्लिम – टोंक

12. देवड़ा चौहान – सिरोही

13. सोनगरा चौहान – जालौर

14. खिंची चौहान – गागरोन

राजस्थान की प्रमुख जनजातियाँ – 


मीणा – जयपुर जिले में सर्वाधिक

गरासिया – सिरोही जिले में सर्वाधिक

डामोर – डूंगरपुर जिले में सर्वाधिक

भील – उदयपुर जिले में सर्वाधिक

सहरिया – बाराँ जिले में सर्वाधिक

कथौडी –उदयपुर जिले में सर्वाधिक

राजस्थान के प्रमुख लोकनृत्य – 


गीन्दड – शेखावाटी क्षेत्र में प्रचलित

डंडिया नृत्य – मारवाड़ क्षेत्र में प्रचलित

बम नृत्य – भरतपुर

बिन्दौरी नृत्य – झालावाड

ढोल नृत्य – जालौर

डांग नृत्य – नाथद्वारा, राजसमन्द

कच्छी घोड़ी नृत्य – शेखावाटी

प्रमुख जातीय लोकनृत्य –


भील जनजाति – गैर, गवरी, राई, युद्ध नृत्य, द्विचकी नृत्य

गरासिया जनजाति – वालर, लूर, कूद नृत्य, मिन्दल, जवारा, मोरिया नृत्य

कथौडी – मावलिया, होली नृत्य

अन्य नृत्य – भील मीणों का नेजा नृत्य, गुजरों का चरी नृत्य, सहरियों का शिकारी नृत्य, कंजर जाती का चकरी नृत्य

राजस्थान की प्रमुख लोकदेवियाँ –


करणी माता – देशनोक, बीकानेर में इनका मंदिर बना हुआ है और ये चूहों वाली माता के नाम से विख्यात है|

जीण माता – जीण माता का मंदिर सीकर जिले में है और ये चौहान वंश की आराध्य देवी हैं|

शीलादेवी – आमेर, कच्छवाहा वंश की आराध्य देवी

जमुवाय माता – जमुरावगढ़, ढूंढाड के कच्छवाहा वंश की कुलदेवी

नागणेची माता – जोधपुर, राठौड़ो की कुलदेवी

बाणमाता – उदयपुर, सिसोदिया वंश की कुल देवी

सच्चीयाँ माता – ओसियाँ (जोधपुर), ओसवालों की कुल देवी

आशापुरी या महोदरी माता – मोदरां (जालौर), जालौर के सोनगरा चौहानों की कुल देवी

शाकम्भरी माता – शाम्भर, चौहानों की कुल देवी

ज्वाला माता – जोबनेर, खंगारोतों की कुल देवी

राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता – 


पाबूजी – कोलमुंड (फलौदी, जोधपुर), गौ रक्षक, प्लेग रक्षक व ऊँटों के देवता

गोगाजी – गोगामेडी (हनुमानगढ़), सांपो के देवता, सर्प दंश का इलाज

रामदेवजी – रामदेवरा (रुणिचा, जैसलमेर), साम्प्रदायिक सद्भाव के देवता

तेजाजी – परबतसर (नागौर), सर्प व कुत्ते के काटने का इलाज

राजस्थान के प्राचीन नगरों के वर्तमान नाम –


अजयमेरु – अजमेर
कोंकण तीर्थ -  पुष्कर
श्रीपंथ – बयाना
सत्यपुर – सांचोर
विराट – बैराठ
अहिछत्रपुर – नागौर
कोठी – धोलपुर
माध्यमिका – नगरी
बृज नगर – झालरा पाटन
आलौर – अलवर
कांठल – प्रतापगढ़
मांड – जैसलमेर
ताम्रवती नगरी – आहड
खिज्राबाद – चित्तोड़गढ़
भटनेर – हनुमानगढ़
जयनगर – जयपुर
रामनगर – गंगानगर

राजस्थान साहित्य की प्रमुख रचनाएँ –


पृथ्वीराज रासो – कवी चन्द्रबरदाई द्वारा रचित

हम्मीर रासो – जोधराज

ढोला मारू रा दुहा – कवी कल्लोल

पद्मावत – मल्लिक मोहम्मद जायसी

वेली किसन रुक्मणी री – पृथ्वीराज राठौड

वंश भास्कर – सूर्यमल्ल मिश्रण

चेतावणी रा चुंगटया – केसरीसिंह बारहठ

खुमाण रासो – दलपत विजय

पृथ्वीराज विजय – जयानक

मूता नैणसी री ख्यात – मूंहणोत नैणसी

हम्मीर महाकव्य – नयनचन्द्र सूरी

राव जैतसी रो छंद – बीठू सुजा

वीर विनोद – कविराज श्यामलदास

बीकानेर रा राठौड़ाँ री ख्यात – दयालदास


राजस्थान में संगीत, साहित्य व कला के विकास के लिए समर्पित संस्थाएं –


राजस्थान साहित्य अकादमी – 1958, उदयपुर

राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी – 1980, जयपुर

राजस्थान उर्दू अकादमी – 1979, जयपुर

राजस्थान पंजाबी भाषा अकादमी – 2006, गंगानगर

राजस्थान राज्य अभिलेखागार – 1955,  बीकानेर

राजस्थान ललित कला अकादमी – 1957, जयपुर

राजस्थान संगीत कला अकादमी – 1957, जोधपुर

राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी – 1983, बीकानेर

भारतीय लोक कला मंडल – 1952, उदयपुर

राजस्थान संस्कृत अकादमी – जयपुर

राजस्थान सिन्धी अकादमी –जयपुर

राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी – 1969, जयपुर

रविन्द्र मंच सोसाइटी – 19६३, जयपुर

जवाहर कला केंद्र – 1993, जयपुर

राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट एंड क्राफ्ट – 1857, जयपुर



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