राजस्थान : एक परिचय पार्ट -2
पिछले आर्टिकल में हमने राजस्थान के बारे में काफी कुछ पढ़ा था, अब हम उसी क्रम को लगातार जारी रखते हुए राजस्थान के बारे में और पढेंगे|
राजस्थान के संभाग –
1. जयपुर संभाग –
जयपुर संभाग में जयपुर, सीकर, झुंझुनू, दौसा, सवाई माधोपुर जिले शामिल किये जाते हैं और यह राज्य की सर्वाधिक जनसँख्या वाला जिला है|
2. जोधपुर सम्भाग –
जोधपुर सम्भाग के अंतर्गत जोधपुर, जालोर, जैसलमेर, पली, बाड़मेर और सिरोही जिले आते हैं और यह राज्य का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला सम्भाग है| यह राज्य का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला संभाग है|
3. बीकानेर –
बीकानेर, गंगानगर, चुरू और हनुमानगढ़ जिले बीकानेर सम्भाग में शामिल है और राज्य का सबसे ज्यादा अनुसूचित जनसँख्या वाला संभाग है|
4. कोटा संभाग –
कोटा सम्भाग में कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड जिला शामिल है और यह राज्य का सर्वाधिक नदियों वाला संभाग है| साथ ही यह जनसँख्या की दृष्टि से सबसे छोटा सम्भाग भी है|
5. उदयपुर सम्भाग –
उदयपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिले – उदयपुर, राजसमन्द, डूंगरपुर, बांसवाडा और प्रतागढ़ है| यह राज्य का सर्वाधिक आदिवासी जनजाति वाला जिला है| उदयपुर सम्भाग राज्य में सबसे ज्यादा नदियों के उद्गम स्थल वाला सम्भाग भी है|
6. अजमेर -
अजमेर सम्भाग में अजमेर, भीलवाडा, नागौर और टोंक जिले शामिल है|
7. भरतपुर –
यह राज्य का सबसे नवीनतम संभाग है जिसके अंतर्गत भरतपुर, अलवर, करोली और धोलपुर जिले शामिल है| क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान का सबसे छोटा संभाग भी है|
राज्य के प्रमुख राजवंश –
1. कच्छवाहा – जयपुर, अलवर
2. गुहिल राजवंश – मेवाड़, बांसवाडा और डूंगरपुर
3. सिसोदिया – उदयपुर, चित्तोड़, शाहपुरा और प्रतापगढ़
4. चौहान – अजमेर, जालौर, सिवाणा, बूंदी, सिरोही, कोटा, रणथम्भौर, नाडौल, गागरोन
5. यादव – करौली, जैसलमेर, हनुमानगढ़
6. राठौड – जोधपुर, किशनगढ़, बीकानेर
7. भाटी – जैसलमेर, हनुमानगढ़
8. झाला – झालावाड
9. हाडा चौहान – कोटा, बूंदी
10. जाट – भरतपुर, धौलपुर
11. मुस्लिम – टोंक
12. देवड़ा चौहान – सिरोही
13. सोनगरा चौहान – जालौर
14. खिंची चौहान – गागरोन
राजस्थान की प्रमुख जनजातियाँ –
मीणा – जयपुर जिले में सर्वाधिक
गरासिया – सिरोही जिले में सर्वाधिक
डामोर – डूंगरपुर जिले में सर्वाधिक
भील – उदयपुर जिले में सर्वाधिक
सहरिया – बाराँ जिले में सर्वाधिक
कथौडी –उदयपुर जिले में सर्वाधिक
राजस्थान के प्रमुख लोकनृत्य –
गीन्दड – शेखावाटी क्षेत्र में प्रचलित
डंडिया नृत्य – मारवाड़ क्षेत्र में प्रचलित
बम नृत्य – भरतपुर
बिन्दौरी नृत्य – झालावाड
ढोल नृत्य – जालौर
डांग नृत्य – नाथद्वारा, राजसमन्द
कच्छी घोड़ी नृत्य – शेखावाटी
प्रमुख जातीय लोकनृत्य –
भील जनजाति – गैर, गवरी, राई, युद्ध नृत्य, द्विचकी नृत्य
गरासिया जनजाति – वालर, लूर, कूद नृत्य, मिन्दल, जवारा, मोरिया नृत्य
कथौडी – मावलिया, होली नृत्य
अन्य नृत्य – भील मीणों का नेजा नृत्य, गुजरों का चरी नृत्य, सहरियों का शिकारी नृत्य, कंजर जाती का चकरी नृत्य
राजस्थान की प्रमुख लोकदेवियाँ –
करणी माता – देशनोक, बीकानेर में इनका मंदिर बना हुआ है और ये चूहों वाली माता के नाम से विख्यात है|
जीण माता – जीण माता का मंदिर सीकर जिले में है और ये चौहान वंश की आराध्य देवी हैं|
शीलादेवी – आमेर, कच्छवाहा वंश की आराध्य देवी
जमुवाय माता – जमुरावगढ़, ढूंढाड के कच्छवाहा वंश की कुलदेवी
नागणेची माता – जोधपुर, राठौड़ो की कुलदेवी
बाणमाता – उदयपुर, सिसोदिया वंश की कुल देवी
सच्चीयाँ माता – ओसियाँ (जोधपुर), ओसवालों की कुल देवी
आशापुरी या महोदरी माता – मोदरां (जालौर), जालौर के सोनगरा चौहानों की कुल देवी
शाकम्भरी माता – शाम्भर, चौहानों की कुल देवी
ज्वाला माता – जोबनेर, खंगारोतों की कुल देवी
राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता –
पाबूजी – कोलमुंड (फलौदी, जोधपुर), गौ रक्षक, प्लेग रक्षक व ऊँटों के देवता
गोगाजी – गोगामेडी (हनुमानगढ़), सांपो के देवता, सर्प दंश का इलाज
रामदेवजी – रामदेवरा (रुणिचा, जैसलमेर), साम्प्रदायिक सद्भाव के देवता
तेजाजी – परबतसर (नागौर), सर्प व कुत्ते के काटने का इलाज
राजस्थान के प्राचीन नगरों के वर्तमान नाम –
अजयमेरु – अजमेर
कोंकण तीर्थ - पुष्कर
श्रीपंथ – बयाना
सत्यपुर – सांचोर
विराट – बैराठ
अहिछत्रपुर – नागौर
कोठी – धोलपुर
माध्यमिका – नगरी
बृज नगर – झालरा पाटन
आलौर – अलवर
कांठल – प्रतापगढ़
मांड – जैसलमेर
ताम्रवती नगरी – आहड
खिज्राबाद – चित्तोड़गढ़
भटनेर – हनुमानगढ़
जयनगर – जयपुर
रामनगर – गंगानगर
राजस्थान साहित्य की प्रमुख रचनाएँ –
पृथ्वीराज रासो – कवी चन्द्रबरदाई द्वारा रचित
हम्मीर रासो – जोधराज
ढोला मारू रा दुहा – कवी कल्लोल
पद्मावत – मल्लिक मोहम्मद जायसी
वेली किसन रुक्मणी री – पृथ्वीराज राठौड
वंश भास्कर – सूर्यमल्ल मिश्रण
चेतावणी रा चुंगटया – केसरीसिंह बारहठ
खुमाण रासो – दलपत विजय
पृथ्वीराज विजय – जयानक
मूता नैणसी री ख्यात – मूंहणोत नैणसी
हम्मीर महाकव्य – नयनचन्द्र सूरी
राव जैतसी रो छंद – बीठू सुजा
वीर विनोद – कविराज श्यामलदास
बीकानेर रा राठौड़ाँ री ख्यात – दयालदास
राजस्थान में संगीत, साहित्य व कला के विकास के लिए समर्पित संस्थाएं –
राजस्थान साहित्य अकादमी – 1958, उदयपुर
राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी – 1980, जयपुर
राजस्थान उर्दू अकादमी – 1979, जयपुर
राजस्थान पंजाबी भाषा अकादमी – 2006, गंगानगर
राजस्थान राज्य अभिलेखागार – 1955, बीकानेर
राजस्थान ललित कला अकादमी – 1957, जयपुर
राजस्थान संगीत कला अकादमी – 1957, जोधपुर
राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी – 1983, बीकानेर
भारतीय लोक कला मंडल – 1952, उदयपुर
राजस्थान संस्कृत अकादमी – जयपुर
राजस्थान सिन्धी अकादमी –जयपुर
राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी – 1969, जयपुर
रविन्द्र मंच सोसाइटी – 19६३, जयपुर
जवाहर कला केंद्र – 1993, जयपुर
राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट एंड क्राफ्ट – 1857, जयपुर
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